Monitoring And Evaluation Architecture
एम पी - एस ए पी सी सी
आर्थिक विकास को बनाए रखते हुए पर्यावरण को भी सहेजे रखना पूरी दुनिया के लिए चुनौती है। मध्य प्रदेश की चुनौती इस लिहाज से ज्यादा गंभीर इसलिए है, क्योंकि यहां ना सिर्फ अधिकांश आबादी सीधे तौर पर अपने रोजगार के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी बहुत हद तक प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित है। प्रकृति पर पड़ने वाला दबाव आखिरकार लोगों के रोजगार और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा। इस तरह राज्य में गरीबी उन्मूलन सहित समग्र विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होगा।
राज्य की विकास योजनाओं को बदलती चुनौतियों के मुताबिक नया स्वरूप देने का यह बिल्कुल उपयुक्त समय है। राज्य की सभी विकास योजनाओं में पर्यावरणीय चिंताओं का ध्यान रख कर ही समग्र विकास का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
मध्य प्रदेश इस लिहाज से राष्ट्रीय स्तर पर तय की गई नीतियों और कार्यक्रमों के साथ तो कदम से कदम मिला कर चल ही रहा है, साथ ही इस विस्तृत कार्ययोजना को तैयार करने का उद्देश्य राज्य की अपनी चुनौतियों का आकलन और उसके अनुरूप योजना तैयार करना है। एपको के जलवायु परिवर्तन सेल ने व्यापक तैयारियों के साथ यह कार्य योजना तैयार की है।
इस कार्य योजना में उद्योग, ऊर्जा, जल, कृषि, मत्स्य पालन, वानिकी, लोक स्वास्थ्य और सार्वजनिक परिवहन जैसे राज्य के सभी प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। एक सुविचारित और विस्तृत कार्ययोजना के जरिए राज्य में सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए भविष्य का रास्ता साफ तौर पर अंकित कर दिया गया है। साथ ही इससे जुड़े अलग-अलग विभागों और एजेंसियों के आपसी तालमेल का खाका भी खींच दिया गया है।
मध्य प्रदेश राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजना की पूरी रिपोर्ट अंग्रेजी में पढ़ने के लिए पीडीएफ यहां से डाउनलोड करें: